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उन्नत ट्रैक्टर

वित्त वर्ष २०२३ में सोनालिका ने पकड़ी रफ़्तार : मई में अब तक की सबसे अधिक ट्रैक्टर बिक्री दर्ज

वित्त वर्ष २०२३ में सोनालिका ने पकड़ी रफ़्तार : मई में अब तक की सबसे अधिक ट्रैक्टर बिक्री दर्ज

वित्त वर्ष २०२३ में सोनालिका ने पकड़ी रफ़्तार : मई में अब तक की सबसे अधिक ट्रैक्टर बिक्री दर्ज, 42.1% की वृद्धि के साथ 12,615 यूनिट्स की बिक्री

मई '२२ के पूरे महीने में अथक प्रयासों से सोनालिका ट्रैक्टर्स ने वित्तीय वर्ष २०२३ में अपनी रफ़्तार बढ़ा दी है और 12,615 इकाइयों के साथ मई में अब तक की सबसे अच्छी बिक्री दर्ज करते हुए 42.1% की शानदार वृद्धि की है। नई दिल्ली, मई २ '२२ : अपने हैवी ड्यूटी ट्रैक्टर पोर्टफोलियो के साथ ट्रैक्टर उद्योग में क्रांति लाते हुए, सोनालिका ट्रैक्टर्स ने आने वाले वर्ष के लिए अपने FY'23 प्लेटफॉर्म को और मजबूत किया है। भारत के नंबर १ ट्रैक्टर निर्यात ब्रांड, सोनालिका ने नए वित्तीय वर्ष में एक और गतिशील प्रदर्शन दर्ज करना जारी रखा है और 12,615 इकाइयों की कुल ट्रैक्टर बिक्री के साथ मई में अब तक की अपनी उच्चतम बिक्री दर्ज की है। मई'२०२१ में दर्ज 8,878 ट्रैक्टरों की असाधारण बिक्री प्रदर्शन में, ४२.१ % की शानदार वृद्धि शामिल है, क्योंकि पूरे उद्योग में उन्नत ट्रैक्टरों की मांग में वृद्धि जारी है। चौंका देने वाले प्रदर्शन पर बोलते हुए, आईटीएल के संयुक्त प्रबंध निदेशक, श्री रमन मित्तल ने कहा, “यह उत्साहजनक लगता है क्योंकि हमारे सभी ठोस प्रयासों के परिणामस्वरूप मई’22 में सोनालिका द्वारा एक और उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया है। रिकॉर्ड 42.1% की वृद्धि के साथ, हमने 12,615 ट्रैक्टरों की मई में अब तक की सबसे अधिक बिक्री दर्ज की है। सोनालिका वास्तव में विशिष्ट किसान आवश्यकताओं को संबोधित करने और गतिशील ट्रैक्टर प्रदर्शन के साथ-साथ किसान की मन की शांति के लिए सामर्थ्य प्रदान करने में विश्वास करती है। अनुकूल कारक जैसे सरकार द्वारा एमएसपी में लगातार वृद्धि, रबी फसल की खरीद में सुधार और अब देश में मानसून का समय पर आगमन वित्त वर्ष 23 में कृषि गतिविधियों के फलने-फूलने के लिए व्यवहार्य मंच स्थापित करेगा। ” sonalika logo motto
KITS वारंगल ने विकसित किया स्वचालित ट्रैक्टर, लागत और मेहनत करेगा कम

KITS वारंगल ने विकसित किया स्वचालित ट्रैक्टर, लागत और मेहनत करेगा कम

आज के आधुनिक और मशीनीकरण युग में नित नए अविष्कार हो रहे हैं। सभी क्षेत्रों में अच्छे खासे बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसी कड़ी में KITS वारंगल द्वारा स्वचालित ट्रेक्टर विकसित किया है, जिसका फिलहाल चौथा ट्राइल भी सफलता पूर्वक तरीके से संपन्न हो गया है। बतादें, कि यह ट्रेक्टर लागत प्रभावी है, जो आधुनिक तरीके से किसानों की आमदनी को बढ़ाएगा। आधुनिक तकनीकों एवं मशीनों द्वारा तकरीबन हर क्षेत्र में क्रांति का उद्घोष हो चुका है। महीनों तक विलंबित पड़े कार्य फिलहाल चंद मिनटों में पूर्ण हो जाते हैं। खेती-किसानी के कार्यों को भी सुगम एवं सुविधाजनक करने हेतु बहुत सारे यंत्र, टूल्स एवं वाहन तैयार किए जा रहे हैं। जो कि लागत को प्रभावी होने के साथ-साथ किसानों की आमदनी को दोगुना करने में सहायक हैं। इसी ओर काकतीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, वारंगल (KITS-W) ने किसानों के लिए एक ड्राइवरलैस ऑटोमैटिक ट्रैक्टर तैयार किया है, जिसका चौथा ट्राइल भी सफलतापूर्ण ढंग से संपन्न हो चुका है।

इस स्वचालित ट्रैक्टर की क्या-क्या विशेषताएं हैं

KITS, वारंगल के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग (CSE) के प्रोफेसर डॉ. पी निरंजन ने बताया है, कि ड्राइवरलैस स्वचालित ट्रैक्टर के लिए 41 लाख रुपये की परियोजना राशि मुहैय्या कराई गई थी। इसी कड़ी में इस ट्रेक्टर की विशेषताओं को लेकर इस प्रोजेक्ट के हैड अन्वेषक एमडी शरफुद्दीन वसीम ने जानकारी दी है, कि यह स्वचालित ट्रैक्टर किसानों को सुविधाजनक तरीके से खेतों की जुताई करने में सहायता करेगा। उन्होंने कहा है, कि यह लागत प्रभावी ट्रेक्टर खेती में किसानों की लागत के साथ-साथ समय की भी बचत होगी। साथ ही, किसानों की आमदनी को अधिक करने में भी सहायक भूमिका निभाएगी। ये भी पढ़े: भारत में लॉन्च हुए ये 7 दमदार नए ट्रैक्टर विशेषज्ञों के कहने के मुताबिक, इस स्वचालित ट्रैक्टर को विकसित करने का प्रमुख लक्ष्य खेती में मानव परिश्रम को कम करना है। इस ट्रैक्टर को बिल्कुल उसी प्रकार डिजाइन किया गया है। किसान भाई एक रिमोट द्वारा नियंत्रित उपकरण से इस ट्रैक्टर का सफल संचालन कर कृषि कार्य कर सकते हैं।

इस तरह संचालित होगा यह ट्रैक्टर

सीएसई के प्रोफेसर निरंजन रेड्डी का कहना है, कि स्वचालित ऑटोमैटिक ट्रेक्टर को कंप्यूटर गेम की भांति ही एक एंड्रॉइड एप्लीकेशन की सहायता से संचालित कर सकते हैं। इस स्वचलित ट्रेक्टर में लाइफ फील्ड से डेटा एकत्रित करने हेतु विशेषज्ञों ने सेंसर भी स्थापित किए हैं, जो कि किसी जगह विशेष पर कार्य करने हेतु तापमान एवं मृदा की नमी का भी पता करने में सहायता करेंगे। इससे मृदा की खामियों के विषय में भी जाँच करके डेटा एकत्रित करने में भी सुगमता रहेगी।